dubai : पाक़िस्तानी समूह ने ली एक भारतीय की जान, संपूर्ण घटनाक्रम –
लुधियाना निवासी एक व्यक्ति दुबई में फार्मास्युटिकल कंपनी में मजदूर के रूप में काम कर रहा था। वह एक साल पहले दुबई गया था और मजदूर के रूप में काम कर रहा था।
घटना punjab ludhiana जिले में रहने वाले एक 21 वर्षीय व्यक्ति की है। जिसकी जून में ही दुबई में दो गुटों में झड़प के दौरान “पाकिस्तानी नागरिकों के एक समूह द्वारा हमला” किए जाने के बाद मौत हो गई। लेकिन घर वालो को अब लगभग एक महीने बाद अपने बेटे की मौत के बारे में पता लगा है। दुखद यह कहना भी है कि मनजोत माता-पिता का इकलौता बेटा था। जिसके पिता भी मज़दूर थे, दिलबाग सिंह ने परिवार के लिए रोज़ी रोटी कमाने के करज लेकर अपने बेटे को दुबई भेजा था।
ये है संपूर्ण घटनाक्रम –
दिलबाग सिंह (मृतक के पिता) ने बताया कि बेटे को करीब एक साल पहले दुबई भेजा गया था जहां वह एक दवा कंपनी में मजदूर के रूप में काम कर रहा था। पिता ने बताया कि दुबई में काम करने वाले दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद बेटे की मौत हो गई। उन्होंने ये भी बताया कि यह घटना 18 जून को घटित हुई थी, लेकिन उन्हें बेटे की मौत के बारे में कुछ खबर ही नहीं थी। माता पिता को कुछ दिनों बाद पता चला जब उनके बेटे के हर कॉल का जवाब नहीं मिला। भावुक पिता ने कहा कि “उसके बाद में, उसके दोस्तों ने हमें झड़प के बारे में बताया और कहा कि पाकिस्तानी लोगों के समूह ने मेरे बेटे पर चाकू और अन्य तेज धार वाले हथियारों से हमला किया। वह मर गया”।
पिता ने भावुकता से कहा कि मनजोत दुबई के जेबेल अली (Jebel ali) इलाके में किराए से मकान में 5 और लोगों के साथ रहा करता था। उसके 5 रूममेट्स में से एक पाकिस्तान से था। मृतक के एक रूममेट का 12 अन्य पाकिस्तानियों के एक समूह के साथ झगड़ा हुआ था जो की बाहर से हमला करने आए थे। उन्होंने मदद के लिए मनजोत को बुलाया। मनजोत स्वयं सीधे तौर पर किसी लड़ाई से संबंधित नहीं था। उसे अपने रूममेट के दवाब में वहाँ जाना पड़ा। और इसी दौरान उस समूह ने उस पर चाकू से हमला कर दिया जिससे मनजोत की मौत हो गई।आपको बता दें कि अपराधियों में से चार को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
पिता ने पीढ़ा में बिलखते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय (MEA) ने उन्हें सूचित किया है कि सभी फ़ॉर्मलिटी से गुज़रने के बाद उनके बेटे का शव शुक्रवार तक घर पहुंचने की उम्मीद है।पिता ने अपना दुख जताते हुए कहा कि “हम भूमिहीन मजदूर हैं। मैंने दो लाख रुपये कर्ज लेकर अपने बेटे को विदेश भेजा था। हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है। वह मेरी एकमात्र आशा था,’’ पिता ने कहा। मनजोत के परिवार के अनुसार, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और स्थानीय फतेहगढ़ साहिब के सांसद अमर सिंह ने उनके बेटे के शव की वापसी का समन्वय किया और परिवार को एसे दुख के समय में हिम्मत रखने को कहा।
NEWS अखबारी :- Rahul Gautam is an Indian Journalist and Media personality. He is the founder of the News अखबारी, he loves photography and designing.
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