उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से 23 लोगों की मौत। दोनों राज्यों में आज और अधिक बारिश होने की संभावना है।
दोनों हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड में 15 और पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में 8 लगभग 23 लोग बादल फटने से मारे गए हैं, जीवित लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू जारी है तथा भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से प्रमुख राजमार्ग अवरुद्ध हैं। अगले कुछ दिनों में दोनों राज्यों में और अधिक बारिश होने की सूचना दी गई गई है।
केदारनाथ में फँसे 800 तीर्थ यात्री –
बचाव दलों द्वारा हिमाचल प्रदेश में उन क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए ड्रोन तैनात किए जहां गुरुवार को बादल फटने के बाद भूस्खलन हुआ। भारतीय वायु सेना (IAF) ने बारिश से प्रभावित केदारनाथ के पैदल मार्ग पर फंसे 800 तीर्थ यात्रियों को निकालने के लिए चिनूक और MI 17 हेलीकॉप्टर तैनात किए है। यदि मौसम ठीक रहा तो इन तीर्थयात्रियों को आज निकाला जा सकता है। फंसे हुए तीर्थयात्रियों को भोजन और पानी की आपूर्ति की गई है, जो केदारनाथ, भीमबली और गौरीकुंड चौकियों में राहत शिविरों में सुरक्षित रूप से शरण लिए हुए हैं।
हिमाचल में बादल फटने से आयी बाढ़ –
हिमाचल प्रदेश में तीन और शव बरामद किए गए है, अब मृतकों की कुल संख्या 8 पहुँच गई है। बादल फटने के कारण कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा इलाकों, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में अचानक बाढ़ आ गई। बादल फटने के बाद लापता हुए 45 लोगों को ढूंढने के लिए बचावकर्मी दल कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पिछले 36 घंटों में यहाँ के तीन जिलों में 103 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, इसके अलावा 32 फुटब्रिज, दुकानें, स्कूल और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की और यह भी कहा कि उन्हें गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ अगले तीन महीनों के लिए किराए के लिए 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। तीन स्थानों पर चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग तीन स्थानों पर बंद हो गया है। सड़क अवरुद्ध होने से राजमार्ग पर यातायात जाम हो गया है। हिमाचल प्रदेश के रामपुर समेज गांव से आठ स्कूली बच्चे लापता हैं।
ये मुख्य मार्ग है बंद –
राष्ट्रीय राजमार्ग 5 (रामपुर-किन्नौर) भी निगुलसारी में अवरुद्ध हो गया है ।
लुहारी-बंजार और कुल्लू को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 305 भी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है।
राज्य में भारी बारिश के बाद कुल 115 सड़कें – मंडी में 46, कुल्लू में 38, शिमला में 15, कांगड़ा और सिरमौर में छह-छह, किन्नौर में तीन और लाहौल और स्पीति में एक – वाहन यातायात के लिए बंद कर दी गईं।
हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने कुल 3,612 मार्गों में से 82 पर बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
31 जुलाई से अब तक 300 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो चुकी हैं।
उत्तराखण्ड में बादल फटने से बाढ़ के हालात –
उत्तराखंड में केदारनाथ, टिहरी, चमोली, देहरादून और हरिद्वार जिलों में बादल फटने से 15 लोगों की मौत हो गई है। अब तक 7,234 तीर्थयात्रियों को केदारनाथ के रास्ते से बचाया जा चुका है। मौसम में सुधार होते ही केदारनाथ बचाव अभियान आज फिर से शुरू करने की तैयारी है। NDRF, SDRF और उत्तराखंड पुलिस के अधिकारी तीर्थयात्रियों को बचाने और लापता लोगों की तलाश में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। शुक्रवार को देहरादून में एक उफनती नदी में एक व्यक्ति के डूबने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई और कल शाम रुद्रप्रयाग से एक और शव बरामद हुआ।
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